किरोड़ीमल कॉलेज के भूगोल विभाग ने आयोजित किया जियोटाइम कार्यक्रम, छात्रों को दी जल संरक्षण की सलाह

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Geotime 2025: जलवायु परिवर्तन महज एक शब्द नहीं है, बल्कि यह हमारी जिंदगी पर गहरा प्रभाव डाल रहा है। हमें यह समझना होगा कि हमें जल का कैसे प्रयोग करना है। भविष्य के लिए जल संरक्षण जरूरी है। अपशिष्ट का कैसे दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है इसकी जानकारी युवाओं को होनी चाहिए।

KMC: किरोड़ीमल कॉलेज के भूगोल विभाग ने आयोजित किया जियोटाइम कार्यक्रम, छात्रों को दी जल संरक्षण की सलाह

दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज (KMC) के भूगोल विभाग ने हाल ही में “जियोटाइम” नामक एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण और सतत विकास के महत्व पर जागरूकता फैलाना था।

कार्यक्रम की मुख्य बातें:

✔ विशेषज्ञों के व्याख्यान: पर्यावरण विशेषज्ञों और प्रोफेसरों ने जल संकट, जलवायु परिवर्तन और जल संरक्षण के उपायों पर चर्चा की।

✔ छात्र सहभागिता: छात्रों ने प्रेजेंटेशन, पोस्टर प्रदर्शनी और डिबेट के जरिए जल संरक्षण के विभिन्न तरीकों पर अपने विचार साझा किए।

✔ फील्ड वर्क और वर्कशॉप: भूगोल विभाग ने छात्रों को जल संसाधन प्रबंधन से जुड़ी कार्यशालाओं में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।

प्रमुख सलाह:

बर्बादी रोकें: दैनिक जीवन में जल का अपव्यय न करें।

वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting): घरों और कॉलेज परिसरों में वर्षा जल संरक्षण की प्रणालियाँ अपनाएँ।

नदियों और झीलों की सफाई: जल स्रोतों को प्रदूषित होने से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास करें।

सतत विकास की ओर कदम: जल बचाने के लिए कम जल खपत वाली तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया गया।

इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्रों और शिक्षकों ने भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में, सभी को जल संरक्षण की शपथ दिलाई गई ताकि वे अपने दैनिक जीवन में पानी बचाने की दिशा में सक्रिय योगदान दे सकें।

यह आयोजन युवा पीढ़ी को जल संरक्षण की जिम्मेदारी समझाने और पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।





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