खाने में इस्तेमाल होने वाला तेल आपके लिए कितना खतरनाक, पीएम मोदी ने मन की बात में दे दिया जवाब
पीएम नरेंद्र मोदी ने मन की बात में कहा- भारत मोटापा और डायबिटीज का हब बनता है जा रहा है. इस परेशानी से बचने के लिए हम देशवासियों को सबसे पहले अपनी तेल की खपत कम करनी होगी.
Mar 6, 2025, 21:37 IST
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पीएम नरेंद्र मोदी ने यंग इंडिया का जो सपना देखा है उसे पूरा करने के लिए वह हर दिन कुछ नया और खास करने की कोशिश करते हैं. उन्होंने आकाशवाणी के मंथली रेडियो प्रोग्राम ‘मन की बात’ में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि आज हर 8 में से एक शख्य मोटोपे जैसी बीमारी का शिकार है. दिन पर दिन इसकी संख्या बढ़ती ही जा रही है. भारत मोटापा और डायबिटीज का हब बनता है जा रहा है. इस परेशानी से बचने के लिए हम देशवासियों को सबसे पहले अपनी तेल की खपत कम करनी होगी. यानी 10 फीसदी तेल खाने में कटौती करनी बहुत जरूरी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में 'मन की बात' कार्यक्रम में भारतीय समाज में बढ़ते मोटापे और उससे संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि आज हर आठ में से एक व्यक्ति मोटापे से ग्रस्त है, और बच्चों में यह समस्या चार गुना बढ़ गई है।
पीएम मोदी ने विशेष रूप से हमारे दैनिक आहार में तेल की खपत पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने सुझाव दिया कि हम अपनी तेल की खपत में 10% की कटौती करें। उदाहरण के लिए, यदि एक परिवार महीने में 1 लीटर तेल का उपयोग करता है, तो उन्हें अब 900 मिलीलीटर तेल का ही उपयोग करना चाहिए। यह छोटा सा परिवर्तन मोटापे से निपटने और एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
तेल का अत्यधिक सेवन न केवल मोटापे का कारण बनता है, बल्कि यह हृदय रोग, स्ट्रोक और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों के जोखिम को भी बढ़ाता है। तेल में मौजूद ट्रांस फैट्स शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) के स्तर को बढ़ाते हैं, जिससे हृदय संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, तेल को बार-बार गर्म करने से विषैले तत्व उत्पन्न होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने इस संदेश को व्यापक बनाने के लिए 10 प्रसिद्ध व्यक्तियों को भी चुनौती दी है कि वे तेल की खपत में कमी लाने के इस प्रयास में शामिल हों और समाज में इस पहल को प्रोत्साहित करें।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि तेल की खपत में 10% की कमी से वजन नियंत्रण, हृदय स्वास्थ्य में सुधार और डायबिटीज के जोखिम को कम करने में सहायता मिल सकती है। यह एक सरल लेकिन प्रभावी कदम है जो हमें एक स्वस्थ और सक्रिय जीवन शैली की ओर अग्रसर करता है।
इसलिए, हमें अपने दैनिक आहार में तेल की मात्रा पर ध्यान देना चाहिए और इसे नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए, ताकि हम स्वयं और अपने परिवार को एक स्वस्थ भविष्य प्रदान कर सकें।