Mahakumbh 2025 LIVE: महाकुंभ में बसंत पंचमी की तैयारी जारी, अखाड़े करेंगे अमृत स्नान
Mahakumbh 2025 LIVE: 3 फरवरी को होने वाले बसंत पंचमी के तीसरे और अंतिम अमृत स्नान से पहले प्रयागराज शहर के साथ-साथ महाकुंभ नगर के अस्थायी तम्बू शहर में जोरदार तैयारी चल रही है। जानें महाकुंभ से जुड़े लाइव अपडेट्स
Updated: Feb 2, 2025, 21:23 IST
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Mahakumbh 2025 LIVE: महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद नही लौटे फिरंगी
मौनी अमावस्या पर महाकुंभ मेले में मची भगदड़ के बाद से ही गोरखपुर क्षेत्र के हरैया गांव के श्रद्धालु फिरंगी यादव लापता है। उनकी तलाश में परिजन उसी दिन से जुटे हुए हैं। अब परिजनो को किसी अनहोनी की आशंका सता रही है। तरकुलवा थाना क्षेत्र की ग्राम हरैया गांव के रहने वाले फिरंगी यादव(60) अपनी पत्नी पूर्णिमा देवी(57) के साथ 27 जनवरी को अन्य ग्रामीणों के साथ बस से प्रयागराज गए थे। वहां 29 जनवरी को हुई भगदड़ में पति-पत्नी दोनों बिछड़ गए। दोनों लोगों का अन्य श्रद्धालुओं से साथ छूट गया।
महाकुंभ 2025 के तीसरे और अंतिम अमृत स्नान पर्व, बसंत पंचमी, के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। यह स्नान 3 फरवरी 2025 को आयोजित होगा, जिसमें विभिन्न अखाड़ों के साधु-संत पारंपरिक अमृत स्नान करेंगे।
अखाड़ों के अमृत स्नान का समय-सारिणी:
प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं प्रयागराज पहुंचकर तैयारियों की समीक्षा की है। मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ की घटना के बाद, प्रशासन ने सुरक्षा प्रबंधों को और मजबूत किया है।
अखाड़ों में रथ और पालकी को सजाने का कार्य जारी है, और सभी महामंडलेश्वर इस स्नान में शामिल होंगे। जूना अखाड़े में हाल ही में 200 नागा साधुओं को दीक्षा दी गई है, जिसमें 20 महिलाएं भी शामिल हैं।
श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए, प्रशासन ने सुरक्षा और सुविधाओं के पुख्ता इंतजाम किए हैं। सभी से अपील है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और महाकुंभ के इस पावन अवसर का शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से आनंद लें।
महाकुंभ 2025: आस्था, परंपरा और आध्यात्मिकता का महासंगम
📍 स्थान: प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
📅 आयोजन वर्ष: 2025
🔱 प्रमुख स्नान तिथियां:
पौष पूर्णिमा – 13 जनवरी 2025
मकर संक्रांति (पहला शाही स्नान) – 14 जनवरी 2025
मौनी अमावस्या (दूसरा शाही स्नान) – 29 जनवरी 2025
बसंत पंचमी (तीसरा शाही स्नान) – 3 फरवरी 2025
माघ पूर्णिमा – 12 फरवरी 2025
महाशिवरात्रि – 26 फरवरी 2025
महाकुंभ का महत्व
महाकुंभ मेला दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और धार्मिक आयोजन है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु और साधु-संत गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान कर मोक्ष प्राप्ति की कामना करते हैं। यह आयोजन हर 12 वर्षों में होता है और हिंदू धर्म की आस्था का प्रतीक है।
विशेषताएं:
✔ 13 अखाड़ों का शाही स्नान – नागा साधु, महामंडलेश्वर और अन्य संन्यासी अपने पारंपरिक अंदाज में शाही स्नान करेंगे।
✔ सुरक्षा व्यवस्था – ड्रोन, सीसीटीवी कैमरे और विशेष पुलिस बल तैनात होंगे।
✔ सुविधाएं – टेंट सिटी, मेडिकल कैंप, यातायात प्रबंधन और पब्लिक ट्रांसपोर्ट की विशेष व्यवस्था।
✔ आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम – प्रवचन, कथा, गीता पाठ, योग शिविर और भजन संध्या का आयोजन।
महाकुंभ 2025 की थीम:
इस बार के महाकुंभ को "स्वच्छ, हरित और डिजिटल महाकुंभ" बनाने की तैयारी हो रही है, जिसमें पर्यावरण संरक्षण और आधुनिक तकनीकों का विशेष उपयोग किया जाएगा।
कैसे पहुंचे?
🚆 रेल मार्ग: प्रयागराज जंक्शन भारत के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
✈ हवाई मार्ग: प्रयागराज, वाराणसी और लखनऊ हवाई अड्डे से पहुंचा जा सकता है।
🛣 सड़क मार्ग: देशभर से प्रयागराज तक हाईवे और बस सेवाएं उपलब्ध हैं।
विशेष निर्देश:
✅ प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।
✅ ट्रैफिक नियमों और पार्किंग व्यवस्था की जानकारी पहले से ले लें।
✅ नदी में स्नान के दौरान सुरक्षा का ध्यान रखें।
महाकुंभ 2025 में शामिल होकर इस पावन अवसर का लाभ उठाएं और आध्यात्मिक शांति प्राप्त करें! हर हर गंगे!